एक रिवाज और दीदी की कुँवारी चूत 2 | Manushi Didi ki chudai story

Manushi Didi ki chudai story:- पिछले पार्ट में आपने पढ़ा की एक रिवाज के तहत दीदी ने चोदने के लिए अपने देवर को नहीं बल्कि मुझे चुना। फिर मुझे शक हुआ की दीदी मुझसे नहीं चुदेगी। तो मैंने चुदाई की रात जाते ही दीदी को पकड़ लिया और उनकी चूत में अपना लंड घुसा दिया। अब आगे की कहानी- अगर आपने कहानी का पहला भाग नहीं पढ़ा है तो यहाँ पढ़ें => एक रिवाज और दीदी की कुँवारी चूत भाग -1

Manushi didi ki chudai ki kahani

Manushi Didi ki chudai story

फिर मैंने धीरे-धीरे मेरा लंड दीदी की चूत में अंदर-बाहर करना शुरू किया। धीरे-धीरे मैंने स्पीड बधाई। दीदी की चूत में लंड अंदर-बाहर हो रहा था। अब जैसे-जैसे लंड चूत में जाके बाहर निकलता था दीदी के मुँह से आह्हः आह्हः की आवाज़ निकल रही थी। दीदी की पायल और चुन्नी की आवाज़ मुझे और मदहोश कर रही थी और मैं उन्हें अभी धीरे-धीरे स्पीड बढ़ा के चोदने लगा। अब दीदी भी चुदाई में मेरा साथ दे रही थी। उनकी आह आह की आवाज़ पायल चुन्नी की आवाज़ और मैंने स्पीड तेज़ कर दी थी तो एक और आवाज़ फचफच की आ रही थी। मैं अब दीदी को किस कर रहा था एंड उनके ब्लाउज के ऊपर से ही उनके बूब्स प्रेस कर रहा था। मेरी स्पीड के कारण दीदी पूरी मदहोश हो चुकी थी। अब दीदी झड़ चुकी थी एंड मैं भी झड़ने वाला था। दीदी जब जड़ी तब उन्होंने अपने पैरों से मेरी कमर पे जो पकड़ टाइट की थी उससे मुझे भी पेन हो रहा था। दीदी के झड़ने के बाद मैंने स्पीड वापस तेज़ की एंड उनकी चूत में झड़ गया।

फिर ऐसे ही मैं उनके ऊपर सोया रहा। थोड़ी देर बाद उठा और बाथरूम जाके आया। फिर दीदी उठी। वो बाथरूम में गयी तो मैंने देखा की बेड पर खून के छींटे थे। जब मैं बाथरूम में गया तो मेरे लंड पे भी थोड़ा खून लगा हुआ था।

फिर दीदी आयी तो मैंने कहा: मैं कपडे उतार चूका हूँ आप भी उतार दो।

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ऐसा बोल के मैंने मेरे ऊपर से रज़ाई हटाई। दीदी बेड पे मेरे पास आके बैठी। फिर उन्होंने अपना लहंगा एंड ब्लाउज उतार के रज़ाई से अपने आप को ढक के ब्रा उतार के फेंक दी। फिर मैं दीदी के करीब जाके उनके बूब्स के निप्पल चूसने लगा। निप्पल्स बिलकुल टाइट थे उनके। इसका मतलब की वो सेक्स के लिए गरम थी। मैंने थोड़ी देर बाद वापस उनके पैरों के बीच में आके अपना लंड चूत पे रखा एंड उनकी तरफ देख के स्माइल दी। फिर मैं उनको किस करने लगा। इस बार दीदी ने मेरा लंड अपने हाथ से पकड़ के चूत पे सेट किया। फिर मैंने धक्के देने स्टार्ट किये। इस तरह मैं दीदी को सुबह के 7 बजे तक लगातार चोदता रहा। और इस बीच दीदी ने भी बहुत एन्जॉय किया। कभी वो मेरे ऊपर होती और कभी मैं उनके ऊपर। डोगी स्टाइल भी ट्राई किया हमने। मैंने सब तरह की पोजीशन्स ट्राई की दीदी के साथ। इस बीच में मैं दीदी के अंदर 3 बार झड़ चूका था एंड 4 बार दीदी की चूत से लंड निकाल के बाहर भी झाड़ा था। टोटल 7 राउंड पूरे किये थे हमने। जिसमे दीदी शायद 9 बार झड़ चुकी थी।

हमने जो सेक्स किया था वो लास्ट लेवल का किया था जिसमे हमने कुछ भी नहीं बाकी रखा था। हां लेकिन एक बात में श्योर था मैं की दीदी ने बहुत एन्जॉय किया था मेरे साथ। क्यूंकि जब हमारा थर्ड राउंड चल रहा था तब दीदी के फ़ोन पे जीजू का फ़ोन आया था। लेकिन दीदी ने उसको दो बार कट कर दिया था। क्यूंकि उस टाइम मैं झड़ने वाला था तो फुल स्पीड में चोद रहा था दीदी को। फिर जब मैं झड़ गया उसके बाद दीदी ने मुझसे कहा- दीदी: अपना मुँह बंद रखना तेरे जीजू की कॉल है। फिर दीदी ने जीजू से बात की थी जिसमे दीदी ने जीजू को बताया की वो सो गयी थी और मैंने फ़ोन काट दिया नींद में था तो। उसने जीजू को कहा की हमारे बीच कुछ नहीं हुआ था और मैंने उनकी बात मान ली थी। इसके अलावा दीदी ने पूरी रात मुझसे कोई बात नहीं की ना ही कुछ और बोली। सिर्फ मैंने जब पुछा की ये क्या था।

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तो दीदी सिर्फ इतना बोली- दीदी: अगर तुम्हारा हो गया हो तो अब मैं सो जाऊ? या और करने का इरादा है?

मैंने फिर उनसे बात करने के बजाये उनके ऊपर आके मेरा लंड उनकी चूत में डाल दिया। फिर ज़ोर से धक्का दिया तो दीदी बोली-

दीदी: आह दिनेश धीरे ऐसे जाहिल मत बनो।

मैं सुबह 7 बजे तक लगातार चोदता रहा। फिर मैं उनसे लिपट के सो गया। दोपहर को 1 बजे मेरी आँख खुली तो दीदी नहीं थी बेड पे। मैं उठा और बाथरूम गया। फिर अपने कमरे में जाके सो गया और शाम को उठा। नहा के फ्रेश होके नीचे गया तो दीदी नीचे सोफे पे बैठी हुई थी। मैंने माँ से कहा: चाय बना दो। फिर दीदी के पास जाके बैठा और पुछा-

मै: क्या हुआ सर दुःख रहा है क्या?

दीदी: हां बहुत।

मै: डॉक्टर के पास जाना है क्या?

दीदी: हां डॉक्टर के पास तो जाना पड़ेगा। क्यूंकि सिर्फ सर नहीं पूरा शरीर दुःख रहा है। एंड और कुछ भी जिसकी दवाई लेनी पड़ेगी।

मै: मैं चाय पी लू फिर चलते है।

फिर हम डॉक्टर के पास गए। वहाँ से दवाई लेने मेडिकल स्टोर पे गए तो दीदी ने कहा-

दीदी: सुनो अनवांटेड-72 टेबलेट्स लेके आना।

मै: क्यों?

दीदी (गुस्से से): तुम अभी ले लो फिर घर जाके बताती हूँ।

फिर हम घर आये तो मैं दीदी के कमरे में गया।

मै: दीदी वो आपको कल कोई बात करनी थी। क्या बात थी?

दीदी: वाह! अभी पूछने का टाइम मिला? अब नहीं ज़रुरत है उसकी।

मै: सॉरी दीदी अब बता भी दो। नाराज़ मत हो एंड ये जो टेबलेट है उससे क्या होता है?

दीदी: ये जो टेबलेट है ना वो मैं प्रेग्नेंट न हो जाऊ उसकी है। तुमने तो कल कोई कसर बाकी नहीं रखी।

मै: क्या दीदी आप हो भी जाओगी तो क्या प्रॉब्लम है? हमने कुछ गलत नहीं किया। मेरा हक़ है आप पे अब।

दीदी: हक़ और वो भी मुझपे? कैसा हक़ है? देखो रिवाज के मुताबिक एक नाईट तुम्हारे साथ बितानी थी। वो तुमने बिता ली। अब मुझसे कोई एक्सपेक्टेशन मत रखना। और तुम्हारे जीजू पूछेंगे तो बोलना तू सो गया था और हमारे बीच कुछ नहीं हुआ।

मै: क्यों हमने कुछ गलत नहीं किया है?

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दीदी: देख मेरे भाई। हमने कुछ गलत नहीं किया है। लेकिन मैंने तुम्हारे जीजू से वादा किया था की उनके अलावा कोई मुझे नहीं छुएगा। एंड इसी वजह से मैंने अपने देवर का नाम ना देते हुए तेरा दिया था। क्यूंकि मुझे तेरे ऊपर भरोसा था की तू मेरी बात मानेगा। लेकिन मुझे क्या पता था की यहाँ तो तू सेक्स के लिए बेताब बैठा है।

मै: सॉरी दीदी मुझे क्या पता था की आप वादा करके आयी थी। मुझे लगा आपने मेरा नाम दिया है तो आप मेरे साथ सब कुछ करने के लिए राज़ी होगी। एंड मैंने माँ को भी पुछा था की दीदी को आपने पुछा। तो उन्होंने भी मुझे कहा की आप रेडी हो। एंड आपको मेरे साथ सेक्स नहीं करना था तो आपने सज-धज के श्रृंगार क्यों किया था। मुझे लगा आपने दिल से मुझे एक्सेप्ट किया है।

दीदी: मैंने तुम्हे दिल से ही एक्सेप्ट किया है। लेकिन सेक्स के लिए नहीं। और बात रही माँ की तो मैं उन्हें ये बात नहीं बता सकती थी की मेरे और तेरे जीजू के बीच में ये बात हुई थी। एंड मैंने तुम्हे बताने की कोशिश की थी लेकिन तुमने मौका ही नहीं दिया।

दीदी: दोपहर को तुम्हारे रूम में आयी तो तुम मुझे लिपलॉक करके किस करने लगे। वह कुछ कहती उसके पहले तुम चले गए। रात को तो मुझे कुछ समझ में ही नहीं आया। तूने मुझे बिलकुल टाइम ही नहीं दिया। मैं रुको कहु उससे पहले तूने डाल दिया। फिर मैंने तुझे कुछ नहीं कहा।

मै: दीदी सच बताना मेरे साथ मज़ा आ रहा था इसलिए आपने मुझे नहीं रोका ना?

दीदी: बिलकुल भी नहीं। ऐसा बिलकुल भी नहीं था। मैं पहले तुम्हे रोक नहीं पायी। फिर तूने अंदर डाल दिया। तब तुम्हे रोक के कोई फ़ायदा नहीं था। और फिर माँ की बातें भी दिमाग में घूम रही थी की आज की रात पे तेरा हक़ है मुझपे। इसलिए फिर मैंने तुम्हे रोका नहीं।

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दीदी: लेकिन अब नाईट खत्म हो चुकी है। एंड तुझे मेरी हेल्प करनी होगी। तू जीजू को मैंने जो बोला वही कहेगा। इसके अलावा कुछ नहीं।

मै: ठीक है लेकिन दीदी उन नाईट के लिए थोड़ी न मेरा हक़ है आप पे। आप जब-जब जीजू से दूर होगी तब मेरा हक़ है।

दीदी: जी बिलकुल नहीं तुम्हारा मुझपे नहीं मेरा तुझपे हक़ है। एंड तेरे जीजू से दूर इसका मतलब ये नहीं की जब तेरा मन करेगा तब तू मेरे पे चढ़ जायेगा। मेरा मन करेगा तब मैं कहु तो तू मेरे साथ सोयेगा। उम्मीद है अब तू सब समझ गया होगा।

मै: हां लेकिन एक बात पूछनी है आपसे। प्लीज सच-सच जवाब देना।

दीदी: हां पूछ क्या पूछना है?

मै: दीदी किसका साइज बड़ा था मेरा या जीजू का?

दीदी: मैं जानती थी की तू ऐसा ही कोई सवाल पूछेगा।

मै: दीदी प्लीज बताओ ना।

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दीदी: देख तू और कुछ पूछे उससे पहले मेरे सारे जवाब सुन ले ठीक से। देख तेरा तेरे जीजू से डबल साइज है। उनका शायद 3 या 3.5 इंच का होगा और तेरा काफी बड़ा है। एंड तू और कुछ पूछे उससे पहले मैं बता देती हूँ की मुझे जो कल रात को सेक्स मिला है वो मेरी लाइफ का बेस्ट सेक्स था। बस अब खुश ना?

मै: हां बहुत बहुत। दीदी क्या आप अब मुझे कभी भी अपने पास नहीं आने दोगी?

दीदी: पता नहीं लेकिन अगर आने भी दिया ना तो मैं पहले तुझे चेक करुँगी की कही कल रात की तरह वियाग्रा तो खा कर नहीं आया।

मै: क्या? मैंने नहीं खायी थी।

दीदी: झूठ मत बोल। बिना वियाग्रा के इतनी देर तक कोई टिक ही नहीं सकता।

मै: आपको कैसे पता चला?

दीदी: मुझे कल रात ही समझ में आ गया था की तू पक्का वियाग्रा खा कर कमरे में आया है। नहीं तो इतनी देर तक कोई टिक ही नहीं सकता।

मै: सॉरी लेकिन आपने अभी बोला न की आपकी लाइफ का बेस्ट सेक्स था।

दीदी: हां था लेकिन अगली बार अगर हम करे तो तुम बिलकुल नेचुरल तरीके से करोगे। कोई दवाई यूस नहीं करोगे। बाकी अगर मैं तेरे जीजू को वियाग्रा खिला दू तो वो भी सुबह तक नॉन-स्टॉप करेंगे। लेकिन मुझे वो नहीं चाहिए। ठीक है?

तो दोस्तों ये कहानी कैसी लगी कमेंट ज़रूर करना।

और आगे मैंने अपने भाई की पत्नी यानि अपनी भाभी को कैसे चोदा वो आपको बताऊंगा तब तक के लिए बाय बाय!

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